भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (भाग 1)
कम्पनियों का गठन
- सबसे पहले पुर्तगाली आये फिर डच,अंग्रेज,डेनिश,फ्रांसीसी
- मसालों और अन्य कीमती सामानों का व्यापर करने.
- 15वीं सदी के अन्त में भारत आये
- पहले डच आये फिर भी अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी पहली बनी (1600) फिर डच कंपनी (1602)
पुर्तगाली (1498)
- 1494 में कोलाम्बस ने अमेरिका
- 1498 में वास्को-डी-गामा ने भारत
- जमोरिन(कालीकट का राजा) ने स्वागत किया
- वास्को-डी-गामा ने केप ऑफ़ गुड होप के रास्ते भारत समुद्री मार्ग की खोज की
- पुर्तगाली उद्देश्य - अरबो व वेनिसो का व्यापर खत्म और इसाई धर्म प्रचार
- पुर्त. अपने अधीनस्थ समुद्री मार्गो को इस्तादो द इंडिया नाम दिया था जिस पर वे कर वसूलते थे जिसे वे कर्टज (परमिट ) कहते थे
- पुर्त. अपने आप को सागर स्वामी कहते थे
- काली मिर्च का सर्वाधिक निर्यात करते थे
- तम्बाखू , प्रिंटिंग प्रेस,जहाज निर्माण की सुरुवात किये
- गौथिक स्थापत्य कला पुर्त की देन
फ्रांसिस्को - डी - अल्मीडा (1505-09) | अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क (1509-15) | नानू-डी-कुन्हा (1529-38) |
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पुर्तगालियों का व्यापारिक केंद्र / बस्तियां
- पहले कालीकट आये
- फिर कोचीन को राजधानी व प्रथम कारखाना बनाया
- व्यापारिक केंद्र :- गोवा व S-E एशिया (मलक्का, हुरमुज़ )
- फिर कोचीन से गोवा को राजधानी
- बस्तियां :- दीव,दमन,सालसेट,मुंबई,चौल,पुदुचेरी,सैनथोम(मद्रास),हुगली(बंगाल)
पुर्तगालियों का पतन
- दुसरे यूरोपिया कंपनियों से व्यापार में competition
- भारतीय जनता के प्रति धार्मिक असहिष्णुता
- डकैती, लूटमार को अपनी निति का हिस्सा माना
- ब्राज़ील खोज के बाद भारत में धयान कम
- पुर्त. वायसरायों पर पुर्त. राजा का अधिक नियंत्रण
डच (1596)
- 1596 प्रथम डच कार्नेलियम हाउटमेन भारत आया (प्रथम पुर्त वास्को-डी-गामा)
- 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना (1600 में अंग्रेज ईस्ट कंपनी )
- 1605 में मसूलीपट्टनम में प्रथम डच कारखाने की स्थापना (पुर्तो ने कोचीन में)
- कारख़ाने विषेशता:- गेल्ड्रिया(पुलीकट) छोड़, बाकि में किलेबंदी नहीं
- निर्यात:- नील,शोरा,सूती वस्त्र (पुर्त मसालों का)
- भारतीय वस्त्रो के निर्यात का श्रेय, डच को
- व्यापारिक व्यवस्था :- सहकारिता पर आधारित
- पैगोडा (gold) सिक्के का प्रचलन
जगह/बस्तियां
- पुर्तो से अम्बायना लिया फिर मसाला द्विप (इंडोनेशिया) फिर श्रीलंका
- प्रमुख केंद्र पुलीकट बाद में नागपट्टनम
- बंगाल,गुजरात से निर्यात
डचो द्वारा स्थापितं कारखाने |
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पतन
- 1759 में अंग्रेजो से युद्ध (बेदारा) /अंग्रेज जीते / व्यापार खत्म
- सरकार का अधिक नियन्त्रण
- भ्रष्ट, अयोग्य पदाधिकारी
- वस्त्र व्यापार में competition
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