भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (भाग 2)
अंग्रेज (1599/1600)
- 1599 में प्रथम ब्रिटिश जॉन मिल्डेनहाल भारत आया.
- 1600 में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी स्थापितं (The governer & company of merchant of indian London trading in to the east indiz)
- कम्पनी को 15 वर्षो तक पूर्वी देशो में व्यापार अनुमति (बाद में अनिश्चित काल तक)
- उद्देश्य- भू भाग नहीं बल्कि व्यापार करना
- वस्त्रो का निर्यात
- 1611 मसूलीपट्टनम व पेटापुली में पहला कारखाना
- 1613 सूरत में कारखाना (1608 से ही बनना start)
- बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल विलियम हेजेज
- फोर्ट विलियम का प्रथम गवर्नर सर चार्ल्स आयर
- विलियम नारिश का उद्देश्य- इंग्लिश कम्पनी ट्रेडिंग इन ईस्ट को विशेषाधिकार दिलाना
व्यापार घटनाक्रम
- 1608 जहांगीर ने हाकिन्स को आगरा में बसने व 400 का मनसब व जागीर प्रदान किया.
- 1611 मसूलीपट्टनम में पहला कारखाना बना
- 1613 सूरत में कारखाना बना
- 1632 में 500 पैगोडा/वार्षिक कर के बदले गोलकुंडा (हैदराबाद) के बन्दरगाहो में व्यापार की अनुमति
- 1639 में फ्रांसिस डे को मद्रास पट्टे पर मिला
- जहां(मद्रास) अंग्रेजो ने फोर्टसेंट जार्ज किला बनाया (कोरोमंडल तट में इसका HQ
- गैब्रियल ब्राटन को 3000 रु./वार्षिक कर के बदले बंगाल,बिहार,उड़ीसा में व्यापार अनुमति
- 1651 हुगली में अंग्रेजी कारखाना बना
- फिर कासिम बाजार,पटना,राजमहल में कारखाना बना
- 1658 तक बंगाल,बिहार,उड़ीसा के सारे कारखाने फोर्टसेंट जार्ज के अधीन आ गयी
- 1661 अंग्रेज चार्ल्स को बम्बई दहेज़ में मिला (पुर्त. से शादी)
- 1668 को 10 पौंड/वार्षिक कर के बदले अंग्रेजी कम्पनी को किराये पर दिया
- 1687 में सूरत की जगह बम्बई को मुख्य व्यापारिक केंद्र बनाया
- गेराल्ड बम्बई का वास्तविक संस्थापक
- सर चार्ल्स आयर कलकत्ता (फोर्ट विलियम) के संस्थापक
- 1698 में दो अंग्रेजी कम्पनी का विलय और संयुक्त नाम पड़ा (The united company of merchant of London trading to the east indiz)
- (1813 चार्टर के तहत इस कम्पनी का नाम ईस्ट इंडिया कम्पनी पड़ा)
- 1717 में फर्रुखशियर(मुग़ल) ने 3000 रु./वार्षिक कर के बदले बंगाल में चुंगी के बिना व्यापर की अनुमति (शाही फरमान से)
- इसी शाही फरमान को महाधिकार पत्र (मैग्नकार्ट) कहा गया .
अन्य चीज़े
- 23 जून 1757 प्लासी का युद्ध (ब्रिटिश कंपनी VS बंगाल नवाब सिराजुद्दौला)
- अंग्रेजी सेना का नेतृत्व राबर्ट क्लाईव ने किया
- 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध {ब्रिटिश कंपनी VS मुगल नवाबो (मीरकासिम,शुजउदौला,शाह आलम की संयुक्त सेना)}
- अंग्रेजी सेना का नेतृत्व मेजर हेक्टर मुनरो ने किया
डेन (1616)
- 1616 में भारत आये
- 1620 को ट्रान्कोबार(तमिलनाडु) व 1676 को सेरामपुर (बंगाल) में कम्पनी स्थापितं
- सेरामपुर मुख्य व्यापारिक केंद्र
- 1845 में सभी कम्पनियाँ अंग्रेजो को बेच दी
फ्रांसीसी (1664)
- 1664 को लुई 14 के मंत्री कालबर्ट द्वारा फ्रेंच ईस्ट इंडिया कम्पनी (कम्पनी देस इन्डेस ओरियंटलेस) की स्थापना हुयी
- 1668 सूरत में पहला कारखाना
- 1669 मूसलीपट्टनम में दूसरा कारखाना
- 1673 में पांडिचेरी की नीव रखी
- डचो ने अंग्रेजो की सहायता से पांडिचेरी को छीन लिया
- 1697 को रिजविक संधि के बाद वापस पांडिचेरी प्राप्त हुयी
- पांडिचेरी में मार्टिन ने फोर्ट लुई का निर्माण कराया
- 1742 के बाद फ्रांसीसी व्यापारिक लाभ कमाने की तुलना में राजनीतिक क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हो गए
- कर्नाटक युद्ध (फ्रांसीसी VS अंग्रेज)
यूरोपीय देश | कम्पनी का नाम | कम्पनी स्थापना | पहला कारखाना | राजधानी (मुख्यालय) | प्रथम भारत आने वाले |
पुर्तगाली | इस्तादो -द - इंडिया | 1498 | कोचीन (1498) | गोवा (पहले कोचीन) | वास्को -डी -गामा |
डच | वेरीगिन्ड़े ओस्तो इंडीशे | 1602 | मसूलीपट्टनम (1605) | नागपट्टनम | कार्नेलियम |
अंग्रेज | The governor & company of merchant of indian London....... | 1600 | सूरत (1608) | कलकत्ता | जॉन मिल्डेनहाल |
डेन | डेनिश ईस्ट इंडिया कम्पनी | 1616 | ट्रन्कोबार, तमिलनाडु (1620) | सेरामपुर | |
फ्रांसीसी | कम्पनी देस इन्डेस ओरियंटलेस | 1664 | सूरत (1668) | पांडिचेरी | लुई 14वां के मंत्री कार्लबर्ट |
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