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भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (भाग - 3)

कर्नाटक युद्ध (आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष)  1746-1763 अंग्रे. VS फ़्रां. व्यापार को लेकर  इस समय फ़्रां. HQ - पोंडी,सूरत,मसूली,चंद्रनगर  अंग्रे. HQ - बम्बई,मद्रास,कलकत्ता  प्रथम युद्ध   (1746-1748) (2 वर्ष) 1740 आस्ट्रिया में आधिपत्य हेतु युद्ध शुरू    डूप्ले   (फ़्रां) VS मोर्से   ( मद्रास गवर्नर) / डूप्ले जीता / मद्रास पर कब्ज़ा  सेंटटोमे युद्ध - डूप्ले VS कर्नाटक नवाब अनवरुद्दीन / डूप्ले जीता (छोटी सेना) 1748 "एक्स लॉ शौपल" संधि :- मद्रास वापस व आस्ट्रिया विवाद सुलझा  द्वितीय युद्ध (1749 - 1754) (5 वर्ष) दक्कन - नासिरजंग VS मुजफ्फरजंग (डूप्ले support) कर्नाटक - अनवरुद्दीन VS चंदासाहिब  (डूप्ले support) मुजफ्फर व चंदा जीते  मुजफ्फर (दक्कन सूबेदार) व चंदा (बंगाल नवाब) बना  राबर्ट क्लाईव का हमला / चंदा की हत्या / क्लाईव जीता  डूप्ले को हटाकर गोदहे नया गवर्नर  1755 को संधि - युद्ध समाप्त  तृतीय युद्ध (1756-1763) (7 वर्ष) known as सप्तवर्षीय युद्ध  चंद्रनगर में आधिपत्य हेतु...

भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (भाग 2)

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अंग्रेज (1599/1600) 1599 में प्रथम ब्रिटिश जॉन मिल्डेनहाल भारत आया. 1600 में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी स्थापितं (The governer & company of merchant of indian London trading in to the east indiz) कम्पनी को 15 वर्षो तक पूर्वी देशो में व्यापार अनुमति (बाद में अनिश्चित काल तक) उद्देश्य- भू भाग नहीं बल्कि व्यापार करना  वस्त्रो का निर्यात  1611 मसूलीपट्टनम व पेटापुली में पहला कारखाना   1613 सूरत में कारखाना (1608 से ही बनना start) बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल विलियम हेजेज   फोर्ट विलियम का प्रथम गवर्नर सर चार्ल्स आयर  विलियम नारिश का उद्देश्य- इंग्लिश कम्पनी ट्रेडिंग इन ईस्ट को विशेषाधिकार दिलाना  व्यापार घटनाक्रम 1608 जहांगीर ने हाकिन्स को आगरा में बसने व 400 का मनसब व जागीर प्रदान किया. 1611 मसूलीपट्टनम में पहला कारखाना बना  1613 सूरत में कारखाना बना  1632 में 500 पैगोडा/वार्षिक कर के बदले गोलकुंडा   (हैदराबाद)  के बन्दरगाहो में व्यापार की अनुमति  1639 में फ्रांसिस डे को मद्रास पट्टे पर मिला...

भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (भाग 1)

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कम्पनियों का गठन  सबसे पहले पुर्तगाली आये फिर डच,अंग्रेज,डेनिश,फ्रांसीसी मसालों और अन्य कीमती सामानों का व्यापर करने. 15वीं सदी के अन्त में भारत आये  पहले डच आये फिर भी अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी पहली बनी (1600) फिर डच कंपनी (1602) पुर्तगाली (1498) 1494 में कोलाम्बस ने अमेरिका 1498 में वास्को-डी-गामा ने भारत  जमोरिन (कालीकट का राजा) ने स्वागत किया   वास्को-डी-गामा ने केप ऑफ़ गुड होप के रास्ते भारत समुद्री मार्ग की खोज की  पुर्तगाली उद्देश्य - अरबो व वेनिसो का व्यापर खत्म और इसाई धर्म प्रचार  पुर्त. अपने अधीनस्थ समुद्री मार्गो को इस्तादो द इंडिया नाम दिया था जिस पर वे   कर   वसूलते   थे जिसे वे कर्टज (परमिट ) कहते थे  पुर्त. अपने आप को सागर स्वामी कहते थे  काली मिर्च का सर्वाधिक निर्यात करते थे  तम्बाखू , प्रिंटिंग प्रेस,जहाज निर्माण  की सुरुवात किये  गौथिक स्थापत्य कला पुर्त की देन  फ्रांसिस्को - डी - अल्मीडा (1505-09) अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क (1509-15)  नानू-डी-कुन्हा (1529-38) पहले वायसराय  उद्दे...